हिंदी भाषा शिक्षण की चुनौतियाँ और समाधान
डॉ. रामरतन विट्ठलराव शिंदे
बीज शब्द
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यह शोध निबंध हिंदी भाषा शिक्षण की प्रमुख चुनौतियों और उनके समाधानों पर केंद्रित है। हिंदी, भारत की राजभाषा और सांस्कृतिक पहचान का महत्वपूर्ण हिस्सा होने के बावजूद, इसके शिक्षण में कई बाधाएँ हैं। प्रमुख चुनौतियों में पुरानी शिक्षण विधियाँ, शिक्षकों का अपर्याप्त प्रशिक्षण, छात्रों की घटती रुचि, संसाधनों की कमी, और अंग्रेजी के दबदबे के साथ नीतिगत कमियाँ शामिल हैं। इनके परिणामस्वरूप हिंदी शिक्षण प्रभावी और आकर्षक नहीं रह पाता ।
समाधान के रूप में, निबंध आधुनिक शिक्षण विधियों (जैसे गतिविधि-आधारित और संप्रेषणात्मक दृष्टिकोण), डिजिटल संसाधनों का विकास, शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम, और नीतिगत सुधारों, विशेष रूप से राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (NEP 2020) के प्रभावी कार्यान्वयन का सुझाव देता है। इसके अतिरिक्त, हिंदी को समकालीन साहित्य, फिल्मों, और सोशल मीडिया से जोड़कर छात्रों की रुचि बढ़ाई जा सकती है।
निबंध में लीड ग्रुप के “सम्पूर्ण हिंदी प्रोग्राम” और संस्कृति.ऑनलाइन जैसे सफल प्रयासों का उल्लेख किया गया है, जो बहु-माध्यमिक और गतिविधि-आधारित शिक्षण को बढ़ावा देते हैं। निष्कर्षतः, आधुनिकीकरण, संसाधन विकास, और सांस्कृतिक जागरूकता के माध्यम से हिंदी भाषा शिक्षण को अधिक प्रभावी बनाया जा सकता है, जिससे यह भारत और वैश्विक स्तर पर अपनी पहचान को मजबूत कर सके।.
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डॉ. रामरतन विट्ठलराव शिंदे. (2025). हिंदी भाषा शिक्षण की चुनौतियाँ और समाधान. International Journal of Arts, Social Sciences and Humanities, 03(02), 01–05. https://doi.org/10.5281/zenodo.15364235