IJASSH, 2025, Vol. 3, Issue 2 (April - June)

हिंदी भाषा शिक्षण की चुनौतियाँ और समाधान

डॉ. रामरतन विट्ठलराव शिंदे

Page 01 - 05

DOI

शोध सारांश

यह शोध निबंध हिंदी भाषा शिक्षण की प्रमुख चुनौतियों और उनके समाधानों पर केंद्रित है। हिंदी, भारत की राजभाषा और सांस्कृतिक पहचान का महत्वपूर्ण हिस्सा होने के बावजूद, इसके शिक्षण में कई बाधाएँ हैं। प्रमुख चुनौतियों में पुरानी शिक्षण विधियाँ, शिक्षकों का अपर्याप्त प्रशिक्षण, छात्रों की घटती रुचि, संसाधनों की कमी, और अंग्रेजी के दबदबे के साथ नीतिगत कमियाँ शामिल हैं। इनके परिणामस्वरूप हिंदी शिक्षण प्रभावी और आकर्षक नहीं रह पाता।

समाधान के रूप में, निबंध आधुनिक शिक्षण विधियों (जैसे गतिविधि-आधारित और संप्रेषणात्मक दृष्टिकोण), डिजिटल संसाधनों का विकास, शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम, और नीतिगत सुधारों, विशेष रूप से राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (NEP 2020) के प्रभावी कार्यान्वयन का सुझाव देता है। इसके अतिरिक्त, हिंदी को समकालीन साहित्य, फिल्मों, और सोशल मीडिया से जोड़कर छात्रों की रुचि बढ़ाई जा सकती है।

निबंध में लीड ग्रुप के “सम्पूर्ण हिंदी प्रोग्राम” और संस्कृति.ऑनलाइन जैसे सफल प्रयासों का उल्लेख किया गया है, जो बहु-माध्यमिक और गतिविधि-आधारित शिक्षण को बढ़ावा देते हैं। निष्कर्षतः, आधुनिकीकरण, संसाधन विकास, और सांस्कृतिक जागरूकता के माध्यम से हिंदी भाषा शिक्षण को अधिक प्रभावी बनाया जा सकता है, जिससे यह भारत और वैश्विक स्तर पर अपनी पहचान को मजबूत कर सके।

 

बीज शब्द: हिंदी शिक्षण, चुनौतियाँ, समाधान, आधुनिक शिक्षण विधियाँ, डिजिटल संसाधन, नीतिगत सुधार, डिजिटल उपकरण, शैक्षिक सामग्री, राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020, NEP 2020, प्रशिक्षण, सांस्कृतिक पहचान, आधुनिकीकरण, प्रेरणा

Cite as

डॉ. रामरतन विट्ठलराव शिंदे. (2025). हिंदी भाषा शिक्षण की चुनौतियाँ और समाधान. International Journal of Arts, Social Sciences and Humanities, 03(02), 01–05. https://doi.org/10.5281/zenodo.15364235

 

छत्रपति शिवाजी महाराज का नौसैनिक बल

एस. जे. पाटील

Page 06 - 11

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छत्रपति शिवाजी महाराज एक महान योद्धा और मराठा साम्राज्य के संस्थापक थे। उन्होंने 17वीं शताब्दी में एक मजबूत नौसेना बनाई, जिसने भारत के समुद्री तटों की रक्षा की और विदेशी शक्तियों, जैसे पुर्तगालियों और अंग्रेजों, को चुनौती दी। उस समय, समुद्र पर इन विदेशी शक्तियों का दबदबा था, लेकिन शिवाजी ने समझा कि अपने साम्राज्य को सुरक्षित रखने के लिए समुद्री शक्ति जरूरी है। उन्होंने किलों, जहाजों और चतुर रणनीतियों के साथ एक ऐसी नौसेना बनाई जो तेज और प्रभावी थी। उनकी नौसेना ने व्यापार को बढ़ावा दिया और तटीय क्षेत्रों को सुरक्षित किया। आज, उन्हें भारतीय नौसेना का जनक कहा जाता है, और उनकी विरासत हमारे देश की नौसेना में जीवित है।

इस शोध निबंध में शिवाजी महाराज के नौसैनिक बल के निर्माण, संगठन, रणनीतियों, अभियानों, और ऐतिहासिक महत्व का विस्तृत विश्लेषण किया जाएगा। यह निबंध उनके नौसैनिक बल की संरचना, चुनौतियों, और आधुनिक भारत पर इसके प्रभाव को भी रेखांकित करेगा।

 

बीज शब्द: नौसैनिक बल, स्वराज्य, रणनीति, तटीय किले, विदेशी शक्तियाँ, संसाधन, प्रशिक्षण, खुफिया, विरासत, राष्ट्रीय गौरव

Cite as

एस. जे. पाटील. (2025). छत्रपति शिवाजी महाराज का नौसैनिक बल. International journal of arts, social sciences and humanities, 03(02), 06–11. https://doi.org/10.5281/zenodo.15365128 

Intergenerational Educational Mobility across Caste Groups in Himachal Pradesh

Akshay, Babburu Venkateshwarlu

Page 12 - 18

DOI

The article examined intergenerational educational mobility in Himachal Pradesh among caste groups by using the Indian Human Development Survey 2011-12 dataset. The mobility matrix has been analyzed to calculate intergenerational educational mobility. The article reveals a huge disparity in intergenerational educational mobility among the different caste groups, where the general caste shows overall upward mobility in all educational levels compared to other castes. However, Sc and St categories show the improvement in their educational attainments.

 

Keywords: Intergenerational, Educational, mobility, Caste group

Cite as

Akshay, & Babburu Venkateshwarlu. (2025). Intergenerational Educational Mobility across Caste Groups in Himachal Pradesh. International Journal of Arts, Social Sciences and Humanities, 03(02), 12–18. https://doi.org/10.5281/zenodo.15394866

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